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विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट सफर : संघर्ष से सफलता तक का सफरनामा

विराट कोहली का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के सुनेरे अक्षरों  में लिखा  जाएगा। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ की, लेकिन बहुत जल्द अपने दमदार प्रदर्शन से टीम इंडिया की रीढ़ बन गए। 2020 से पहले का समय कोहली के टेस्ट करियर का सबसे चमकदार दौर रहा। इस दौरान उन्होंने 141 पारियों में 7202 रन बनाए, जिसमें 27 शतक और 22 अर्धशतक शामिल थे। उनका औसत 54.07 का रहा, जो दर्शाता है कि वो किस स्तर पर खेल रहे थे।

उनका हाईएस्ट  स्कोर 254* रहा, जो टेस्ट क्रिकेट में एक यादगार पारी मानी जाती है। 2020 के बाद हालांकि उनका फॉर्म कुछ फीका पड़ा — 58 पारियों में उन्होंने 1833 रन बनाए, सिर्फ 2 शतक और 9 अर्धशतक के साथ, और औसत गिरकर 32.73 पर आ गया। फिर भी, कोहली का मैदान पर जोश, टीम के लिए उनका समर्पण और विरोधी टीमों पर मानसिक दबाव बनाने की कला बरकरार रही। 

2020 से पहले (शानदार सुनहरा दौर):

    • मैच इनिंग्स: 141
    • रन: 7202
    • औसत (Average): 54.07
    • शतक (100s): 27
    • अर्धशतक (50s): 22
    • सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 254

2020 के बाद (संघर्ष और वापसी की कोशिशें):

    • मैच इनिंग्स: 58
    • रन: 1833
    • औसत (Average): 32.73
    • शतक (100s): 2
    • अर्धशतक (50s): 9
    • सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 186

उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक और कभी न भूलने वाली  जीत दिलाई, और एक मजबूत, फिट और आक्रामक टेस्ट टीम खड़ी की। कप्तान के रूप में उनकी लीडरशिप ने टेस्ट क्रिकेट को युवाओं के बीच फिर से रोमांचक क्रिकेट स्थाद  बना दिया। विराट कोहली ने सिर्फ रन नहीं बनाए, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को जिया टेस्ट क्रिकेट को अलग ऊंचाई दिलाई । उनके रिटायरमेंट के साथ ही टेस्ट क्रिकेट की एक पूरी पीढ़ी को अलविदा कहना पड़ा, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा एक प्रेरणा बनी रहेगी।

आंकड़ों में विराट का टेस्ट करियर (2025 तक)

  • कुल मैच खेले: 113+
  • कुल रन बनाए: 8800+
  • औसत: लगभग 49
  • कुल शतक: 29
  • कुल अर्धशतक: 30+
  • सबसे बड़ा स्कोर: 254* (बनाम साउथ अफ्रीका)

टेस्ट कप्तानी – एक आक्रामक युग की शुरुआत
वर्ष 2014 में एम.एस. धोनी के टेस्ट संन्यास के बाद विराट को कप्तानी मिली।
उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम को नया रूप दिया। उन्होंनेविदेशों में जीतने की आदत बनाई ,तेज गेंदबाजों पर भरोसा जताया। उनका ध्यान सभी खिलाडियों क फिटनेस पर रहता था। विराट ने एक आक्रामक और आत्मविश्वास से भरा नेतृत्व दिया। उनके कार्य कल में भारत ने कई सीरीज जीता और टीम में एक नयी ऊर्जा दिखी ,

उनकी कप्तानी के दौरान भारत की स्तिथि :

भारत ने 36 टेस्ट मैच जीते

2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को उसी की ज़मीन पर हराया

भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल तक पहुँचा (2021)

विराट की कुछ ऐतिहासिक टेस्ट पारियाँ
149 रन , इंग्लैंड, 2018 – विराट ने दिया आलोचकों को जवाब

254 रन* , दक्षिण अफ्रीका, 2019 – उनका सर्वोच्च स्कोर

141 रन, ऑस्ट्रेलिया, 2014 – पहली बार दिखी उनकी कप्तानी की झलक

सभी मैच में सेंचुरी , Adelaide 2014

विराट कोहली का टेस्ट करियर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, यह जोश, जुनून और नेतृत्व की मिसाल है। उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम को एक नई पहचान दी , आत्मविश्वास से जगाये रखा और टीम में एक नयी ऊर्जा दी

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