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रोहित शर्मा स्टैंड” – अब वानखेड़े में होगा  क्रिकेट के हिटमैन के नाम से अपना स्टैंड ,किसी बड़े सपने से काम नहीं

Rohit Sharma Stand – 16 मई 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट और खासकर रोहित शर्मा के चाहने वालों के लिए बेहद खास दिन और पल रहा। जब मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम में एक आम से  स्टैंड को अब हमेशा के लिए “रोहित शर्मा स्टैंड” कहा जाएगा। यह सिर्फ एक नामकरण नहीं था — यह एक सपने के सच होने और संघर्ष और कठोर म्हणत  की कहानी के सम्मान का पल था।

 एक आम लड़के से वानखेड़े स्टैंड तक का सफर 

रोहित शर्मा ने अपनी शुरुआत बेहद सामान्य पारिवारिक माहौल  से की थी। सीमित साधनों में बड़ा होते हुए उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उनका नाम दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट स्टेडियम ‘ वानखेड़े ” में दर्ज होगा। लेकिन मेहनत, जुनून और क्रिकेट के लिए उनकी दीवानगी ने आज उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया है जहाँ पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।

“ये अविश्वसनीय है” – रोहित शर्मा का भावुक भाषण और सफलता की ख़ुशी उद्घाटन समारोह में रोहित का भाषण बेहद भावुक और दिल को छू लेने वाला था। उन्होंने कहा:

“जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, मुझे नहीं पता था कि मैं कितने साल खेल पाऊंगा। लेकिन आज, जब वानखेड़े स्टेडियम में मेरा नाम है – ये अविश्वसनीय है।”

सबसे खास बात यह थी कि रोहित ने इस मौके पर अपने माता-पिता को मंच पर बुलाया। उन्होंने कहा:

“मेरे मम्मी-पापा कभी मेरे मैच देखने स्टेडियम नहीं आते थे, लेकिन इस दिन मैंने उन्हें ज़बरदस्ती बुलाया। मैंने कहा, अगर मेरा नाम स्टैंड पर होगा, तो आपको आना ही पड़ेगा।”

ये शब्द सिर्फ एक क्रिकेटर के नहीं थे, ये एक काबिल बेटे के थे जिसने अपने माता-पिता को वो गौरव दिया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी ।

 सिर्फ नाम नहीं, एक प्रेरणा

“रोहित शर्मा स्टैंड” अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि हर उस युवा खिलाड़ी के लिए एक प्रेरणा बन गया है जो छोटे शहरों या सीमित संसाधनों से आकर बड़ा सपना देखता है। ये दिखाता है कि अगर आपका इरादा मजबूत है, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

 एक परिवार, एक भावनाइस समारोह की सबसे खूबसूरत झलक थी जब रोहित अपने माता-पिता के साथ स्टेज पर खड़े थे — गर्व, नम्रता और एक बेटा जो दुनिया को ये दिखा रहा था कि जहाँ आज मैं खड़ा हूँ, वहाँ तक पहुँचने में मेरे परिवार का सबसे बड़ा योगदान है।

 निष्कर्ष”रोहित शर्मा स्टैंड” का उद्घाटन सिर्फ एक क्रिकेट इवेंट नहीं था। यह एक भावना थी, एक सम्मान था, और एक कहानी थी उस संघर्ष की जिसे आज हर युवा खिलाड़ी महसूस कर सकता है। रोहित शर्मा न सिर्फ एक महान बल्लेबाज़ हैं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी हैं।

आपका क्या विचार है इस सम्मान पर? क्या आपने कभी सोचा था कि रोहित का नाम इस तरह अमर हो जाएगा? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें।

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